Best 50 Bewafa shayari | बेवफाई शायरी, Bewafa status
◆ सुना है वो भी मिरे क़त्ल में मुलव्विस है
वो बेवफ़ा है मगर इतना बेवफ़ा भी नहीं
~नफ़स अम्बालवी
[मुलव्विस=लिप्त]
◆ आपका मक़सद पुराना है मगर ख़ंजर नया
मेरी मजबूरी है यह, लाऊं कहां से सर नया
~कृष्णानंद चौबे
◆ हम से कोई तअल्लुक़-ए-ख़ातिर तो है उसे
वो यार बा-वफ़ा न सही बेवफ़ा तो है
~जमील मलिक
[तअल्लुक़-ए-ख़ातिर=मतलब के लिए सम्बंध,बा-वफ़ा=वफादार]
◆ हम ने बे-इंतिहा वफ़ा कर के
बे-वफ़ाओं से इंतिक़ाम लिया
~आले रज़ा रज़ा
◆ हम से हरगिज़ न प्यार फ़रमाएं
मुद्दतों बेवफ़ा रहें हैं हम...
~शादाब जावेद
◆ इतना भी हमसे नाराज़ मत हुआ करो,
बदकिस्मत ज़रूर हैं हम मगर बेवफा नहीं
Best Bewafa shayari
◆ आप गर अपनी बेहतरी के लिए।
मुझको छोड़ा है गर तो फिर जाएँ॥
~अखलाक साहिर
◆ ज़िंदगी के उदास लम्हों में
बेवफ़ा दोस्त याद आते हैं
◆ वो मेरी लाश पर बोले नज़र यूँ फेर कर मुझ से
चले हूरों से तुम मिलने निहायत बेवफ़ा निकले -
~रंजूर अज़ीमाबादी
◆ तुम बदले तो मजबूरियाँ थी...
हम बदले तो बेवफ़ा हो गए...!
◆ बला से कुछ हो हम 'एहसान' अपनी ख़ू न छोड़ेंगे
हमेशा बे-वफ़ाओं से मिलेंगे बा-वफ़ा हो कर
~एहसान दानिश
◆ उसे समझने का कोई तो रास्ता निकले
मैं चाहता भी यही था वो बेवफ़ा निकले
~वसीम बरेलवी
◆ तुमको हक़ है कि तुम वफ़ा न करो
मेरी क़ुव्वत नहीँ की मैं बेवफ़ा हो जाऊं…
[क़ुव्वत=ताक़त]
◆ आगही कर्ब वफ़ा सब्र तमन्ना एहसास
मेरे ही सीने में उतरे हैं ये ख़ंजर सारे
~बशीर फ़ारूक़ी
[आगही=जानबूझ कर,कर्ब=पीड़ा]
◆ तू बेवफ़ा है तिरा ए'तिबार कौन करे
तमाम उम्र तिरा इंतिज़ार कौन करे
~ज़ैग़म हमीदी
◆ तू भी आईने की तरह बेवफ़ा निकला।
जो सामने आया उसी का हो गया।
Bewafa status| bewafa quotes
◆ शौक़ चढ़ती धूप जाता वक़्त घटती छाँव है
बा-वफ़ा जो आज हैं कल बे-वफ़ा हो जाएँगे
~आरज़ू लखनवी
◆ वफादार और तुम....? ख्याल अच्छा है,
बेवफा और हम......?? इल्जाम भी अच्छा है....!!
◆ वफ़ा-शिआर कई हैं कोई हसीं भी तो हो
चलो फिर आज उसी बेवफ़ा की बात करें
~साहिर लुधियानवी
[वफ़ा-शिआर=ईमानदार
◆ ये मोजज़ा भी किसी की दुआ का लगता है
ये शहर अब भी उसी बे-वफ़ा का लगता है
~इफ़्तिख़ार आरिफ़
[मोजज़ा=चमत्कार]
◆ बे-ख़ुदी बे-सबब नहीं 'ग़ालिब' कुछ तो है जिस की पर्दा-दारी है फिर उसी बेवफ़ा पे मरते हैं फिर वही ज़िंदगी हमारी है
~मिर्ज़ा ग़ालिब
[बे-ख़ुदी=खुद का भी ख्याल न रहे,बे-सबब=बिना कारण के,पर्दा-दारी=रहस्य]
◆ कुछ दिन के बा'द उस से जुदा हो गए 'मुनीर'
उस बेवफ़ा से अपनी तबीअत नहीं मिली
~मुनीर नियाज़ी
◆ उस बेवफ़ा पे मरने को आमादा दिल नहीं
लेकिन वफ़ा की ज़िद है कि मर जाना चाहिए
~अनीस देहलवी
[आमादा=तुला हुआ,निश्चय किया हुआ]
◆ तू इस तरह से मिरे साथ बेवफ़ाई कर
कि तेरे बाद मुझे कोई बेवफ़ा न लगे
~क़ैसर-उल जाफ़री
◆ मुझे वो याद करते हैं ये कह कर
ख़ुदा बख़्शे निहायत बा-वफ़ा था
~हिज्र नाज़िम अली ख़ान
◆ फिर कई ज़ख़्म-ए-दिल महक उट्ठे
फिर किसी बेवफ़ा की याद आई
~जावेद कमाल रामपुरी
◆ बेवफ़ाई पे तेरी जी है फ़िदा
क़हर होता जो बा-वफ़ा होता
~मीर तक़ी मीर
◆ कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी
यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता
~बशीर बद्र
◆ बे-वफ़ा ही सही ज़माने में
हम किसी फ़न की इंतिहा तो हुए
~जमील नज़र
◆ दिल वो काफ़िर है कि मुझ को न दिया चैन कभी
बेवफ़ा तू भी इसे ले के पशेमाँ होगा
~बेख़ुद देहलवी
[पशेमाँ=शर्मिंदा]
◆ खुला फ़रेब-ए-मोहब्बत दिखाई देता है
अजब कमाल है उस बेवफ़ा के लहजे में
~इफ़्तिख़ार आरिफ़
◆ किस ग़लत-फ़हमी में अपनी उम्र सारी कट गई
इक वफ़ा-ना-आश्ना को बा-वफ़ा समझा था मैं
~अमजद नजमी
[वफ़ा-ना-आश्ना=जिसमें वफ़ा के लिए कोई जगह न हो]
◆ चुपके से सह रहा हूँ सितम तेरे बेवफ़ा
मेरी ख़ता तो जब हो कि चूँ कर रहा हूँ मैं
~ख़ार देहलवी
◆ उस के यूँ तर्क-ए-मोहब्बत का सबब होगा कोई
जी नहीं ये मानता वो बेवफ़ा पहले से था
~परवीन शाकिर
[तर्क-ए-मोहब्बत=सम्बन्ध विच्छेद]
◆ इस क़दर मुसलसल थीं शिद्दतें जुदाई की
आज पहली बार उस से मैं ने बेवफ़ाई की
~अहमद फ़राज़
[मुसलसल=निरन्तर]
◆ दिल भी तोड़ा तो सलीक़े से न तोड़ा तुम ने
बेवफ़ाई के भी आदाब हुआ करते हैं
~महताब अालम
◆ सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा
इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा
~बशीर बद्र
◆ उस बेवफ़ा ने हम को अगर अपने इश्क़ में
रुस्वा किया ख़राब किया फिर किसी को क्या
~नज़ीर अकबराबादी
◆ ये रक़ीबों की है सुख़न-साज़ी
बे-वफ़ा आप हों ख़ुदा न करे
~मर्दान अली खां राना
[रक़ीबों=दुश्मन,सुख़न-साज़ी=कही हुई बातें]
◆ बे-मुरव्वत हो बेवफ़ा हो तुम
अपने मतलब के आश्ना हो तुम
~वाजिद अली शाह अख़्तर
[बे-मुरव्वत=पत्थर दिल,आश्ना=साथी]
◆ हर दर्जे पे इश्क़ कर के देखा
हर दर्जे में बेवफ़ाइयाँ हैं
~साबिर ज़फ़र
◆ मैं अपनी आँखों से अपना ज़वाल देखता हूँ
मैं बेवफ़ा हूँ मगर बे-ख़बर न जान मुझे
~साक़ी फ़ारुक़ी
[ज़वाल=पतन]
◆ मुक़द्दर से मिरे दोनों के दोनों बेवफ़ा निकले
न उम्र-ए-बेवफ़ा पलटी न फिर जा कर शबाब आया
◆ वो जिस ने मुझ को तिरे हिज्र में बहाल रखा
तू आ गया है तो क्या उस से बेवफ़ा हो जाऊँ
~इरफ़ान सत्तार
[हिज्र=जुदाई]
◆ ये अदा-ए-बे-नियाज़ी तुझे बेवफ़ा मुबारक
मगर ऐसी बे-रुख़ी क्या कि सलाम तक न पहुँचे
~शकील बदायुनी
[अदा-ए-बे-नियाज़ी=उपेक्षा के तौर तरीके]
◆ काम आ सकीं न अपनी वफ़ाएँ तो क्या करें
उस बेवफ़ा को भूल न जाएँ तो क्या करें
~अख़्तर शीरानी
◆ इस से पहले कि बे-वफ़ा हो जाएँ
क्यूँ न ऐ दोस्त हम जुदा हो जाएँ
~अहमद फ़राज़
◆ बा-वफ़ा था तो मुझे पूछने वाले भी न थे
बे-वफ़ा हूँ तो हुआ नाम भी घर घर मेरा
~अतहर नफ़ीस
◆ क़ुर्ब-ए-बदन से कम न हुए दिल के फ़ासले
इक उम्र कट गई किसी ना-आश्ना के साथ
~सलीम अहमद
[क़ुर्ब-ए-बदन=शारीरिक नज़दीकियां]
Best 50 Bewafa shayari | बेवफाई शायरी, Bewafa status
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